टहलना [व्यायाम रूप ]
व्यक्ति स्वस्थ हो या अस्वस्थ टहलना दोनों ही स्थितियों में उसके लिए वरदान है| टहलने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है जो संचित होकर उसे शक्ति प्रदान करती है| इसी शक्ति के द्वारा मनुष्य में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है जो अंततः उनसे मुक्ति का माध्यम बनती है| टहलने के लाभों के विषय में तो सामान्यतः सभी को जानकारी होती है, परंतु इसे क्रमबद्ध व्यायाम का स्वरूप कैसे दिया जा सकता है, इसे समझना शरीर को निरोग रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है|
सर्वप्रथम तो हमें यह जानना होगा कि टहलने का उचित समय कौन सा है| वास्तव में टहलना तथा घूमना दोनों एक दूसरे से बहुत अलग है| हम घूम तो कभी भी कहीं भी सकते हैं, किंतु टहलने के लिए हमें उपयुक्त समय निर्धारित करना पड़ेगा और हमें उसे निर्धारित समय पर ही टहलना होगा, तभी हम इसका अपेक्षित लाभ पा सकेंगे| उदाहरण के लिए यदि हम सुबह 5:00 से 6:00 बजे का समय निर्धारित करते हैं, तो हमें प्रतिदिन इसि निर्धारित समय पर ही टहलना चाहिए जिससे हमारे शरीर को भी आभास हो सके कि यही समय उसे व्यायाम हेतु दिया गया है| सुबह और शाम का समय टहलने के लिए आदर्श होता है और इसके लिए ऐसे स्थान को चुनना चाहिए जो सुलभ तथा सुरक्षित है तथा जहां हरे भरे पेड़ों की बहुतायत हो जिन से भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त हो सके| हमें सड़क पर या सड़क के किनारे टहलने से बचना चाहिए क्योंकि वाहनों के निरंतर आवागमन के कारण वहां का वातावरण न केवल वायु तथा ध्वनि प्रदूषण से भरा होता है वरन वहां यदा–कदा दुर्घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है|
यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि रोगी अथवा अस्वस्थ व्यक्ति को अपने चिकित्सक से परामर्श ले कर ही अपने टहलने का समय तथा स्थान निर्धारित करना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों की दिनचर्या खानपान एवं दवा आदि से संबंधित निर्णय चिकित्सक ही लेता है, अत: बिना उसकी सलाह के टहलने का कार्यक्रम बनाना उचित नहीं होता है| इसी प्रकार उन्हें किसी की निगरानी या किसी के साथ ही टहलना चाहिए अकेले नहीं | इसके अतिरिक्त टहलने का स्वरूप किसी सीमा तक व्यक्ति की आयु पर भी निर्भर होता है| उदाहरण के लिए बच्चों के लिए खेलना कूदना, युवाओं के लिए दौड़ने तथा वृद्ध स्त्री पुरुषों के लिए टहलने को प्राथमिकता देनी चाहिए|
** टहलने से पहले पांच दाना काली मिर्च का तथा गुड़ का सेवन 200 मिलीलीटर गुनगुने जल के साथ करना अत्यंत लाभकारी होता है|
**इसी प्रकार एक चम्मच ताजे आंवले का स्वरस तथा एक चम्मच शहद का 200 मिलीलीटर गुनगुने पानी के साथ सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी होता है|